PHONE : 9415288292
_____________________________________________________________________________________________________
- परिवार का मुखिया : बशेशर लाल
- पिता का नाम : कबूल चन्द
- सम्बन्धित गाँव : बडौदा
- वर्तमान पता : राबर्टस गंज, जिला सोन भद्र- उ.प्र. 09935837070
- परिवार के सदस्य:
क्रम | नाम | आयु | शिक्षा | मुखिया से सम्बन्ध | रोजगार | निवास का पता |
1 | बशेशर लाल | 84 | 6 | स्वयं | तेल मिल | क्रम. 4- 09415288292 |
2 | राजेश | 46 | 12 | पुत्र | तेल मिल | यथा- 9935837070 |
3 | तृशला | 45 | बी.ए. | पुत्र वधु | गृहणी | यथा |
4 | मन्नु | 21 | बी.ए. | पौत्री | - | यथा |
5 | रोहित | 19 | बी.ए. | पौत्र | तेल मिल | यथा- 993836969 |
6 | कपिल | 17 | 12 | पौत्र | - | यथा |
7 |
|
|
|
|
| यथा |
8 |
|
|
|
|
| यथा |
9 |
|
|
|
|
| यथा |
10 |
|
|
|
|
| यथा |
11 |
|
|
|
|
| यथा |
- वंशावली : बशेशर लाल- कबूल चन्द- नरसी राम- पाली राम- अमी चन्द- जूणा मल-लालमण
- पुरुष वर्ग के विवाह सम्बन्ध:
क्रम | नाम | पत्नी | श्वसुर/ साला | गौत्र | निवासी | वर्तमान निवास |
1 | कबूल चम्द | मल्ली देवी | पोलू राम /चन्दगी राम | गोयल | कलौदा | उचाना |
2 | बशेशर लाल | कृष्णा देवी | दौलत राम/औम प्रकाश जैन | गोयल | काजला |
|
3 | राजेश | तृशला | भूप सिंह | मित्तल | सोनीपत |
|
4 |
|
|
|
|
|
|
5 |
|
|
|
|
|
|
- महिला वर्ग : बुआ, बहन, बेटी
क्रम | नाम | मुखिया से सम्बन्ध | पति | गौत्र | निवासी | वर्तमान पता |
1 |
| पड- बुआ |
|
|
|
|
2 |
| पड- बुआ |
|
|
|
|
3 |
| बुआ |
|
|
|
|
4 | चमेली | बहन | ठण्डी राम | मित्तल | कहसून | दिल्ली |
5 | चांदतारी | बहन | शिखर चन्द | मित्तल | गढी- जुझारा | गन्नौर |
6 | भरपाई | बहन | राम रूप | मित्तल | सिंधवा |
|
7 | शान्ती | बहन | निरंजन लाल | बंसल | जुलाना |
|
8 |
| पुत्री |
|
|
|
|
9 | तन्नु | पौत्री | तरंग जैन | गोयल |
| दिल्ली |
10 |
| पौत्री |
|
|
|
|
- परिवार की ग्रुप फोटो : संलग्न नही है.
- पुरुष वर्ग की फोटो : संलग्न नही है.
- आपके परिवार मे घटित कोई विशेष घटना या सुचना जो आप बताना चाहे संलग्न नही है.
मै लगभग 20 साल का था कि पिता जी का देहान्त हो गया.घर का हालात बहुत खराब थे. यहां तक की खाने को दाने तक नही थे .ऊपर से छोटे- छोटे भाई- बहन . मै सब से बडा था अत: इस हालात से घबरा गया कि जीवन बेकार लगने लगा और जैसे मृतक को जमीन पर सुला दिया जाता है, मै भी जमीन पर लेट गया. माँ ने कहा बेटा क्या बात है एसा करना अपशुकुन होता है, तो मैने कहा माँ घर मे खाने को कुछ नही है, हम सब भूखे पेट है,इस से बडा अपशुकन और क्या हो सकता है, अब मेरी जीने की कोई इच्छा भी नही है, और एसे जिने से तो मरना ही टीक है. मेरी बाते सुन कर माँ को बहुत दु:ख तो हुआ किन्तु यह उस समय हमारी हकीकत थी. अत: वह और ज्यादा न बोल कर चुप चाप सो गयी. मै इसी तरह जमिन पर लेटा हुआ था और अनेक प्रकार के विचार मन आ जा रहे थे कि तभी अचानक महसूस हुआ कि कोई मुझे पकार कर कह रहा था कि एसे पडे रहने से कुछ नही होगा, उठ और कुछ बी कर , सब ठीक हो जाएगा. मुझे लगा कि बाबा नत्थन मुझे प्रेरणा दे गये है. मै तुरन्त उठ कर बैठ गया और सुबह होते ही माँ से कहा माँ घर मे जो कुछ है सब निकाल. माँ ने कुछ नही पूछा और चुपचाप सब जगह तलाश कर घर मे कुल 84 रु. निकले और मेरे हाथ पर रख दिये. मैन उन मे से 50 रु. रख कर बाकी का घर मे खाने के लिये राशन रखवा दिया, और घर से निकल पडा. चलते चलते पंजाब के मण्डी अहमदगढ के नजदीक गांव फतेवाल मे आ कर एक छोटी सी दुकान कर ली. यह्म समय दिवाली से पहले का था. वह इलाका कपास का इलाका था. एक दिन एक सरदार जी दुकान पर आये वह गांव के अच्छे किसानो मे से एक थे, किन्तु कपास के खरीददार की बेईमानी से खफा थे, अत: आकर कहने लगे लाला कपास खरीदेगा. मैने का सरदार जी क्यो मजाक करते हो आप तो देखते ही हो कि मै छोटा सा दुकान दार हू, मेरे पास इतने पैसे कहा कि मै कपास का व्यापार कर सकूं . सरदार ने कहा कपास खरीद ले, पैसे बेच कर दे देना.और इस प्रकार मैने दैव्यी इच्छा मान कर कपास खरीद ली. उस सरदार के कपास बेचने से आस पास के अनंय सरदार- किसान बी कपास मुझे बेच गये. वह कपास उस समय 17 रु. मन के भाव से शुरू मे 70 मन कपास खरीद कर बेचने निकल पडा. अहमदगढ मण्डी के बाहर ही एक कपास के कारखाने का मालिक बाहर ही मिल गया. मैने उससे सारी बात की और कपास बेचने की इच्छा बताई.उस समय वह 18 रु. मन के भाव से कपास खरिध रहे थे किन्तु मुझ से 19 रु मन के भाव मे कपास खरीद ली. बाद मे मैन उसी एक ही सीजन मे कपास खरीद कर 26 रु. मन तक के भाव पर बेची और मैने रु 4000 नकद कमा लि ये. अब मै पैसे वाला हो गया था. मै घर आ गया और इसी से अपनी दो बहनो की शादि की. बाद मे ताऊ मूल चन्द के कजने पर राबर्टस गंज आ गया. यहां पर पहले आटे चावल का व्यापार किया, कमाते कमाते बाद मे कपडे का व्यापार किया फिर तेल मिल खोली और आज बाबा नत्थन के प्रताप से व भगवान के आशिर्वाद से सभी भाई मौज मे है सब करोड पति अरब पति है. मै खुद भी करोध पति हूं. गांव मे बाबा के मन्दिर का मुख्य द्वार खुद बैठ कर बनवाया. उस समय घर से यह सोच कर आये थे कि यह व्यापार के लिये खाली समय है, चलो बाबा की सेवा कर आते है. किन्तु बाबा के प्रताप से पिछे से लडके ने लगभग 2 लाख रु दो महिने मे ही कमा लिये. एसा है बाबा का प्रताप यदि किसि का हाथ पकड ले तो पौ बारह कर देते है. औ र सबके लिये ठण्डे है. जय बाबा नत्थन की.
व्वसाय आदि का पता:
- जैन आयल मिल्स, दीप नगर, जैन साधना भवन के सामने, राबर्टस गंज, जिला सोनभद्र- उ.प्र.