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उल्लेखनीय श्रावक

उल्लेखनीय श्रावक:

सेठ उदमी राम की पुत्री चाँद तारी कहसूण मे सेठ लख्मी चन्द से ब्याही थी. उनके दो पुत्र सलेक चन्द  और शील कुमार वर्तमान मे चण्डीगढ मे जैन धर्म की विशेष सेवा कर रहे है. लालमण परिवार के लिये गर्व का विषय है. सेठ  उदमी राम की दूसरी बेटी गोमती , तोषाम वासी नाजर परिवार के सुश्रावक लक्ष्मी नारायण से ब्याही  थी जिन्होने समालखा मे रेलवे  ऐजण्ट रह कर स्थानक का निर्माण करवाया था.उनके पुत्र राम लाल पौत्र आनन्द कुमार दृढ धर्मी   श्रावक देहली प्रवासी है.  बुआ जी भी धर्म परायण थी. सम्वत् 1888 मे जैन तेरापंथ मनि जय महाराज तोषाम पधारे, वहां बाईस सम्प्रदाय के 100 घर थे, किसी ने स्थान नही दिया. सेठ हरनाम दास पुत्र गोकल चन्द तोषाम गोयल परिवार मे श्योनाथ की बहन से ब्याहे थे. उन्होने मुनि श्री जी को ठहरने का स्थान दिया. जिस पर तंत्र साधू मान कर श्योनाथ ने समधियो को बुलाया. बाबा गोकल चन्द जी उनके भतीजा बाबा रेढ चन्द जी आदि आये गुरू धारणा ली और सारा जूणा परिवार  तेरा पंथी हो गया. महारिज श्री के कहने पर बाबा वस्तीमल  अमी चन्द के पड- पौत्र ने भगीरथी दीक्षा ले ली.  ये ऐतिहासिक संस्मरण है. बाद मे गोकल चन्द के भतीजा तिरखा मल भी विशेष संत तिरखा के नाम से प्रसिद्ध हूये. तिरखा के पिता इसरी मल  बुढायण वाले सेठ गोकल चन्द जी के सगे भाई थे.

भाई मास्टर ज्ञानी राम जी